Submitted By : Mohammad Imran

तकाज़ा है अल्फाजों का बदनाम हम होते हैं,
वो कहते हैं बातों से अपनी उन्हें ग़म होते हैं |
पर जाने क्या वो दिल उनका तोड़ने दस बाद,
रात-रात भर जाग के हम रोते हैं |


Date : April 13, 2012 9:45:43

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