Title : Dastoor

ये तो दस्तूर है निभाया है उसने भी,
बदल के हमें वो ख़ुद  बदल गए |
हमने ख़ुद को बदल दिया उनकी ख़ातिर,
फ़िर देखा के उन्ही के  रास्ते बदल गए |
शायद यही है दस्तूर -ए - ज़िन्दगी दोस्तों ,
दिन निकला और ख्वाब बदल गए |
बस भर गया दिल अब उन्हें याद करके ,
देखने के अपने भी अब अंदाज़ बदल गए |
अचानक हक़ निकल आया चमन पे सबका,
ग़ुल तो ग़ुल, काटों के भी हकदार बदल गए |
अब मत तरसना फ़िर कभी किसी की ख़ातिर,
"इमरान" थे तुम, अब तुम्हारे  हाल  बदल गए |

Author : Mohammad Imran
Date : April 13, 2012 10:16:47
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Comments for current Article
Name : Elianamariadasilva
Comment : Redinag posts like this make surfing such a pleasure
Comment Posted on : November 25, 2012 21:59:45