Submitted By : M. IRFAN
एक जैसी लगती हैं चूड़ियाँ और लड़कियां, टूटती हैं हंसती हैं चूड़ियाँ और लड़कियां, नाज़ुकी इन्तहां है इक ज़रा सी ठेस से, टूट कर बिखरती हैं चूड़ियाँ और लड़कियां, ज़िन्दगी की धडकनों को इक रिदम सा देती हैं, ज़ीस्त को सजाती हैं चूड़ियाँ और लड़कियां, प्यार की रूटों पे भी क्या निखर आता है, बेवजह खनकती हैं चूड़ियाँ और लड़कियां, अपने दुःख को दिल के साथ रख के भूल जाती हैं, क़िस क़दर चमकती हैं चूड़ियाँ और लड़कियां,
Email ID :
irfan.tspl@live.in
Date :
May 24, 2012 12:13:41
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