Submitted By : M. IRFAN
पल भर मैं तमाम उम्र की सोचें बदल जाती हैं, जिन राहों पे चले हैं वो ही रहें बदल जाती हैं . करने को क्या नहीं करते लोग मुहब्बत मैं , सिर्फ हमारे लिया ही क्यों रस्में बदल जाती हैं. वो ऐसा है के उसका नाम सुनने के तसव्वुर से हे, हमारी तमाम तर सोचें बदल जाती हैं. सोचती हूँ मैं कैसे कह पाउंगी उससे, मिलती हूँ तो दिल की साडी बातें बदल जाती हैं. चाहे मंजिल दुशवार हो और दूर भी, हमसफ़र उस सा हो तो मुसाफतें बदल जाती हैं. यौन तो रात का आलम हसीं होता है मदहोश भी, मगर चाँद देखों तो मेरी रातें बदल जाती हैं. मत चाहो के मुझे चाहत नहीं इतना चाहने वालों की, ये न हो के लोग कहें जल्द ही आदतें बदल जाती हैं.
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Date :
May 24, 2012 12:16:05
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