चंद सांसें मेरी बाकी हैं अभी आ जाओ लहरा कर निकल जाएगी जां तो फिर आओगे घबरा कर कभी जो पूछ लेगा कोई महबूब का लक़ब इरफ़ान क्या कहोगे फिर रह जाओगे शर्मा कर !