Submitted By : M. IRFAN

कभी तन्हाई मैं सोचा जब उनकी याद आयेगी
उजालों के समंदर से रौशनी झिल्मिलायेगी
वो चाहे हमें भूल के खुश हों आबाद हों " इरफ़ान"
आज कल न सही कल परसों सही मेरी कमी खल ही जायेगी.


Email ID : irfan.tspl@live.in
Date : June 11, 2012 12:49:44

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